“‘बाज़ीगर संसार कबीरा”, निर्मल नरूला बाजीगरी दिखा रहा है । 34 लाख का कलेक्शन भी कम नहीं होता। इस इंटरव्यू मे क्या हे? ‘शक्तिया’, किस की शक्ति? वह केवल हिन्दू लोगो को देवी / देवताओ की ढोंग पुजा करवाता है। कौन सा मंदिर बनवाएगा निर्मल नरूला ? कौन हे उसका भगवान ? भगवान के मंदिरो की कमी है क्या इस देश मे? अगर ‘शक्तिया’ वास्तव मे होती इन मंदिरो मे तो फिर यह देश 5000 साल तक गुलाम क्यो रहता ? सोमनाथ मंदिर टूटा , क्या उखाड़ लिया शिवजी ने मोहम्मद गजनवी का ? किस शक्ति ने क्या मदद की इस देश की ? किसी की पुजा में कोई भी दोष निकाल कर भी गुमराह किया जाता है। गावों मे आज भी झाड फुक वाला निर्मल नरूला की ही भाषा बोलता है। फलां देवता के पास फलां-फलां पूजा क्यो नहीं की ! देवता नाराज़ है, जावों फलां-फलां पूजा दो, काम हो जाएगा । निर्मल नरूला झारखंड मे आदिवासी बेगा लोगो का फॉर्मूला सीख कर फाइव स्टार मजमा लगा कर चुना लगा रहा है। वास्तव मे “ईश्वर कुचक्री लोगों का इजाद किया हुआ फार्मूला है और धर्म बदमासो का आडंबर है”। संसार के म्यूज़ियमो मे 6340 देवताओ की टूटी-फूटी मूर्तियो का संगृह पड़ा हुआ है, कभी उनकी पूजा होती थी, नरबली होती थी, मेला लगता था, आज बेकार हे, कहाँ गयी उनकी शक्ति? देवता, भगवान, अल्लाह यह सब मगज का बहम है और यह बहम सदियो से बर्बाद कर रहा हे इंसानियत को । सब अटकलबाज़ी है। सारी फसाद की जड़ गोड (God) ही है। कभी चंद्रा स्वामी भी बाजीगरी दिखाता था, आज कोर्ट के चक्कर लगा रहा है। निर्मल नरूला की ‘थर्ड आइ ‘ नहीं यह ‘भ्रस्त आइ’ है। धुर्त विध्या हे और वो एक्सपेर्ट हो चुका है। डाकू मचाये शोर, उसका इंटरव्यू वेल प्रीपेर्ड है, उसका पूरा गिरोह अपना बिज़नस खराब होता देख रहा है। चालबाज़ आशिक बावली रांड को जाल मे फसाये रखता हे और निर्मल नरूला भी अपने बावले, लालची, मूर्ख लोगो को जाल मे फसाए रखेगा। हिंदुस्तान मे जो जितना घटिया, वो उतना ही पुजयनीय होता है। नरूला की कमाई बढ़ती जाएगी। पट्ट-पट्टी साई बाबा 450000 करोड़ की प्रॉपर्टि छोड़ कर मरा। धर्म अफीम है और पिछलग्गू अफीमची है, कुछ लोग जन्म से ही पिछलग्गू होते हे बस उनको बाबा/ज्योतिषी लोग मिल जाते है और उनको संतोष मिल जाता है, एक मानसिक उन्माद खतम हो जाता है, एक मानसिक शरण मिल जाती हे। डरपोक, लालची, बेईमान ही सबसे ज्यादा धार्मिक होता हे । वो ही ज्योतिषियो की तरफ जाता हे । ईमानदार को कोई गोड्ड /भगवान/अल्लाह /ज्योतिष की जरूरत नहीं होती ।
बाबा के नाम पर करोड़ लोग धोखे का शिकार हुए कोई नई बात नहीं, नेता लोग सालो से धोखा दे रहे है, एक धोखा निर्मल बाबा ने और दे दिया। नेता लोग वोट के बदले किरपा का वादा करते है, बाबा नोट के बदले किरपा का वादा करते है .... नेता ठेकेदार से commision लेते है और निर्मल बाबा भक्तो से ही १० % ( दसवंत किरपा बनाये रखने के लिए) ले लेते है। भोले-भाले धार्मिक लोग जो बीमारी से, पैसे से, सांसारिक परेशानी से दुखी होते है, सोचते है २००० रूपए और सही, बाबा सारे चैनल पर आते है, कितने लोगो का काम बन जाता है, और चले जाते है निर्मल दरबार.आज तक, को दिए साक्षात्कार में बाबा मानते है, की उनके वहां अध्यात्मिक फिक्सिंग हुआ करती थी जिसमे १०,००० रूपये प्रश्न पूछने वाले को, और जय जय कार करने वाले को दिए जाते थे . लेकिन बाद में बाबा ने फिक्सिंग को बंद करा दिया.न्यूज़ चैनल जब कोई ज्योतिष,शेयर बाज़ार एक्सपर्ट, या कुक को अपने चैनल पर दिखाते है तो देश भर के दर्शक मानते है की यह लोग अपने काम में अच्हे होंगे, और उन्हें ध्यान से सुनते है। निर्मल बाबा का समागम, किरपा का कारोबार ३५ चैनल ने दिखा कर बाबा की शक्ति को अप्रत्यक्ष रूप से प्रमाणित कर दिया। पैसा भगवान के नाम पर धोखा देकर लिया गया था, इसलिए सरकार को सारा पैसा लेकर भारत में नए School and Hospital का निर्माण करना चाहिए। सूचना और प्रसारण मंत्रालय की जिम्मेदारी है की सभी न्यूज़ चैनल को आदेश जारी करे की निर्मल बाबा जैसे समागम का प्रसारण तत्काल बंद करे और भविष्य में ऐसे धोखाधड़ी वाले विज्ञापन , प्रसारण राष्ट्र हित में कभी न ले। राष्ट्रीय चैनल की जिम्मेदारी राष्ट्र के प्रति ज्यादा होनी चाहिए न की प्रसारण का पैसा देने वाले निर्मल बाबा के लिए।
जय सिंह