अपनी बात
जय सिंह
बुधवार, 9 जनवरी 2013
असुरक्षित दिल्ली से कितनी आस
असुरक्षित दिल्ली से कितनी आस
...तो नहीं जनमते इतने दुःशासन
...तो नहीं जनमते इतने दुःशासन
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