गुरुवार, 26 सितंबर 2024

मौका या फुर्सत मिले तो एक बार देख लेना .............

समाज मे घट रही तरह तरह की सामाजिक घटनाओ को ध्यान मे रखते हुये हम सभी भारतवासियों को अपने परिवार, दोस्त, रिश्तेदार और आस  पास के लोगो की सुरक्षा के लिए सभी को सचेत रहने और सुरक्शित रहने की आवश्यकता है । 

हमारे बेटा या बेटी कहाँ है, सलामत तो है।  

हम सभी को एक बार काम, नौकरी, व्यापार धंधे से फुर्सत निकालकर देख लेना चाहिए कि आपकी बेटी या बेटे ठीक तो है वह ..........


1.कोचिंग ही जा रही है न

2.मोबाइल में पासवर्ड तो नहीं है।

3.स्नेप चेट का इस्तेमाल कर रही हो तो चेट डिलीट का आप्शन तो नहीं है।

4.घंटों अपने कमरे में या अपने दोस्तों के साथ तो समय नहीं बिता रही है।


5. प्रोजेक्ट है, प्रोजेक्ट है कहकर दोस्तों के घर बार बार तो नहीं जा रही।

6. अगर आपकी बेटी या बेटे का स्कूल आपसे सच्चाई कहे तो स्कूल की बात गंभीरतापूर्वक सुनें न कि गुस्सा हों।

7. बच्चों के कपडे और पहनावा मर्यादा मे तो हैं ना।

8. पढ़ाई के अलावा देर रात तक फोन का इस्तेमाल बातचीत मे तो नही किया जा रहा है ना।

9. अगर बेटा या बेटी कही बाहर हॉस्टल मे रहते  है तो बिना बताए अचानक कभी-कभार मिलने पहुच जाए।

10. बेटे और बेटी के दोस्तों और सहेलियो से बेटे, बेटी के बारे मे फीडबैक लेते रहें

11.शापिंग के लिए भले ही सहेलिया साथ मे जा रही हो लेकिन परिवार का कोई न कोई सदस्य भी साथ मे जाए 

12. एक्स्ट्रा क्लास के नाम पर विशेष सतर्क रहें। टीचर्स से वार्तालाप कर के जानकारी प्राप्त कर लें 

13. बेटे, बेटी के दोस्त और सहेलिया कौन है उनका व्यवहार चरित्र और चाल चलन कैसा है इस पर विशेष नजर रखें। 

14. घर के सभी सामाजिक कार्य, तीज त्यौहारो, पर्वो  एवं घर के सामूहिक कार्यो मे शामिल करें। 

15. समाज मे घट रही सामाजिक और आपराधिक जैसी घटनाओ से उन्हे अवगत कराएं।

अपनी लड़की और लदकों  को जरूर पढाएँ, आजादी दें, मगर इतनी भी नहीं कि वो जंगलों में, नालों मे टुकड़े हो जाए,,,उनके साथ कोई अप्रिय घटना घट जाए ।  

आपकी सतर्कता ही बचाव है अन्यथा ये एक ऐसी उम्र होती है कि कोई भी नासमझी मे बहक सकता है, उसके साथ गलत हो सकता है ।।। 

जनहित मे जारी


जय सिंह 


सोमवार, 19 अगस्त 2024

बहन बेटियाँ................. सावधान !

जब कोई रिश्तेदार मामा, चाचा, ताऊ, फूफा, मौसा पड़ोसी, कज़िन भैया आदि प्रकार का रिश्ता किनारे रख कर तुमसे कहने लगे "रिश्ते अपनी जगह ,पर मैं तो तुम्हें अपनी फ्रेंड मानता हूँ।

तुम एक मॉर्डन गर्ल हो आज के ज़माने की तो पुराने टाइप के रिश्ते मत मानो।



"तो अपने माता पिता भाई को बता दो" क्योंकि उनकी नियत में खोट है।


फेसबुक के फ्रेंड किसी फ्रेंडशिप के प्रतीक नहीं हैं । फेसबुक फ्रेंड मतलब फालतू के फ्रेंड, सिर्फ ऑनलाइन हैं ये, 

इनसे जिंदगी पर तब तक कोई फर्क नही जबतक असल जिंदगी में न मिलो।।।

अतः फेसबुक पर उनकी फ्रेंड रिक्वेस्ट को संदेह से न देखो....

पर इनबॉक्स और व्हाट्सअप में वीडियो कोटेशन शेयर करने लगें तो सावधान।


पुरुषों के हथकंडे -


वे तुमसे ऐसे बातें करेंगे कि दर्द आंखों से छलक पड़े

स्वयं को अपनी पत्नी के पिछड़ेपन से त्रस्त दिखाएंगे 

खुद हैंडसम बने रह कर जताएंगे कि बहुत पुराने विचारों की पत्नी मिली है,दर्द किससे कहे...

  

तुम अगर कह बैठी कि मुझसे कहिये, मै हूँ न तो बस तुम्हारा जीवन उनके हवाले हो गया।


पत्नी को बीमार बता सकते हैं

पत्नी के अवैध संबंधों की झूठी बात बता कर सहानुभूति लूटेंगे..


तुम्हें सुंदर और इंटेलीजेंट बता कर काबू करेंगे,

तुम में उन्हें अचानक ऐश्वर्या, सानिया, कल्पना चावला दिखने लगेगी।

तुम्हारी मम्मी - पापा की ज़्यादा केअर शुरू करेंगे,


तुम्हें वो गिफ्ट करना शुरू करेंगे जो पापा नहीं दे सकते 

कोई कुछ कहेगा भी नहीं 

उनसे रिश्ता ही ऐसा है अचानक गिफ्ट बढ़ जाएं

कपड़े ज़्यादा प्राप्त होने लगें घर आना जाना बढ़ जाये

तुम्हें एग्जाम दिलाने वे स्वयं जाने लगे।


सावधान



कोई पुरुष रिश्ते की आड़ में तुम्हें लूटने की तैयारी में है।

अच्छी नियत वाले भी अलग दिख जाते हैं, सबसे सुरक्षित रहें।।।

माँ - बाप, सगे भाई- बहन के अलावा कोई हितैषी नही!!....