आखिर घोड़ी पर चढ़ ही गया |
बेचारी घोड़ी ! करे तो क्या करे ! उसका काम ही गधों को ढोना होता है | वह दिन रात देखती है,तरस खाती है, और हंसते - खिलखिलाते तरह - तरह के नव युवक रूपी जीवों को अपने कमर में तलवार लटका कर शादी नामक लडाई में बलि का बकरा बना देती है | कभी - कभी मै सोचने को मजबूर हो जाता हू की किसी लड़के की शादी होने के अवसर पर लोग उससे क्यों कहते है की चलो तुम भी मुर्गा या बलि का बकरा बन ही गये |
एक साल पहले इन बकरों की लिस्ट में मेरा भी नाम लिखवाने के लिए मेरे परिवार वाले कोशिश करने लगे, जिस पर लोग फ़ौरन अम्ल करके दोस्तों,रिश्तेदारों, की मदद से मुझे भी घोड़ी पर चढाने का प्रयास करने लगे ! शादी के पहले हर युवक बुजुर्गों का फैन होता है | जो कहता है वही करता है , हर बात को मानता है | युवकों को लगता है की बुजुर्ग लोग कितना समाज सेवा करते हैं,अपना बेस कीमती समय निकालकर, अपना काम रोक कर लोगो की शादी कराकर घर बसाते है | इससे बड़ा सेवा और क्या हो सकता है |
आपको बताते चलूँ की एक मेरे दोस्त की शादी हुए एक साल बीत चूका था | उसके साथ साथ रहते हुए शादी की सभी असलियत का पता मुझे चल गया था की ये बुजुर्ग कीसी नव युवकों को किसी स्थान, चौराहों , तथा पार्कों में मुस्कुराने या खुले दिल से ठहाका लगते देखता है तो जलता क्यों है ? क्यों उसे चुनौती के रूप में लटा है | और कहता है ठीक है बेटा लगा लो ठहाके कुछ दिन बाद या अगले लगन में सब ठीक कर देगें | फिर क्या अब वह शादी रूपी दाना नवजवान के सामने उसके माता - पिता की सहायता से डालता है | जब नव युवक शादी रूपी दाना और घोड़ी का फोटो देखता है तो वह अपने आप को रोक नहीं पाता है और फिर वही होता है जो मंजूरे खुदा होता है | जो एक साल पहले मेरे दोस्त के साथ हुआ था |
जब उसकी शादी हुई थी तो तारे येसे न थे, न चन्द्रमा, न पेड़ पौधे की हरियाली और न ही आदमी ऐसे थे | सूरज उन दिनों चमकदार था तथा उससे आधिक गर्माहट थी लेकिन अब ऐसा नहीं है, सूरज बहुत फीका तथा चमकदार रहित हो गया है | वह उतना गर्म ही नही रहा | मुझे लगता है की कही उसकी शादी हो जाने के बाद तो नहीं न हुआ है |
बेचारा नवजवान |
शादी के पहले जहाँ रोजाना शहर या दफ्तर आने - जाने के लिए स्कूटर या हीरो होंडा का हंडल होता था बाद में ऐसा नहीं होता है | जहाँ वह स्कूटर हाथ में लिए गोलघर , इंदिरा बाल विहार , तथा शहर के नए नए जगहों , पार्कों , होटलों, रेस्टोरेंटों, को खोजता फिरता था बाद में वही हाथ , हाथ नहीं फंसी का फंदा बन जाता है | दफ्तर या शहर से घर आकर वह हाथ में एक अदद बच्चा और चंद खिलौने लिए अपने पिछले बीते दिनों को याद करने में दिन गुजार देता है |
शादी के फ़ौरन बाद रूठी हुई बीबी को मानाने का स्टाइल और तजुर्बा बच्चे को खिलाने, मानाने और चुप करने के काम आता है | नव युवक के हाथ में कोल्ड ड्रिंक की जगह बच्चे को पिलाने वाला दूध की बोतल होता है जो बीबी के डर से हमेशा बच्चे को पिलाता रहता है | शादी के पहले जहा अनेक रंग रूप वाली लड़कियों के साथ आनंद और ट्रीट पार्टी का मजा लेता था वही अब शादी के बाद बीबी व बच्चे की फरमैशों से परेशान- होना पड़ता है |
दोस्त की बेटी |
शादी के बाद आदमी के जानकारी में बदलाव आ जाता है | पहले वह मानता था की सिनेमा देखने का एक मात्र जरिया पिक्चर हाल है , एक साल बाद वह पिक्चर हाल का रास्ता भूल जाता है | अब उसे पता चलता है की पिक्चर केवल टी० वी० पर आता है | शादी की पहले की तरह - तरह की ड्रेसें शादी के बाद इतिहाश का अंग बन जाता है | जहाँ पहले वह पैंट के पाकेट में शेरों शायरी या प्रेम पत्र लिए हुए घूमता रहता था अब वही बच्चो की जरूरतों का सामान , बीबी की लिपस्टिक ,पौडर , बिंदी , तथा डॉक्टर की पर्चियां लेकर घूमता फिरता है | जहाँ शादी के पहले अपनी ड्रेसों का कपड़ा व नाप लेकर घूमता नजर आता था वही शादी के बाद बीबी , बच्चों, के कपड़ों की नाप लेकर घूमता है | पहले जहा माता - पिता की बात नहीं मानता था वही शादी के बाद बीबी के इशारों पर नाचता नजर आता है, शादी के पहले वह घर से बाहर मौज मस्ती से बिताता था , शादी के बाद बीबी बचों की चिंता सताना शुरू कर देती है |
पर सब ठीक है , क्या करें , बदलाव प्रकृति का नियम है दुनिया का नियम है और मनुष्य का भी नियम है | यही मान लेना चाहिए, लेकिन देश के बचे हुए ढेरों कुवारे नव युवकों , शाथियों को ये दर्द भरी कहानी सुनकर घबराना नहीं चाहिए , यदि इतना सब कुछ करने सहने की शक्ति आप में है तो बिना सोचे समझे आख मुद कर आप भी घोड़ी पर चढ़ जाइये और शादी के बाद का आनंद लीजिये | यदि इतना सब कुछ सहन करने की छमता और शक्ति न हो तो आप भी शादी- शुदा नव युवको से मिलकर उनकी खुशियों को देख कर आप भी खुश रहे और पवित्र कहे जाने वाले फंसी के फंदे से बचने का कुछ टाइम तक प्रयास करें |
मेरी शुभकामनायें
आपके साथ है |
मेरी शुभकामनायें
आपके साथ है |
आपका ----------- जय सिंह
bahut badhia
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