प्यार है तो तकरार भी होगी, जरुरत बस इतनी है की दिलबर की बातों को न
ले दिल पर ......
अक्सर ऐसा होता है कि एक दूसरे को अच्छी तरह समझने का दावा करने और
अत्यधिक प्रेम करने वाले प्रेमी-प्रेमिका या पति-पत्नी में भी छोटी- छोटी बातों पर तकरार हो जाती है |
वे एक दूसरे से रूठ जाते है और उनके बीच अबोला चलने लगता है |
झगड़े के मसालों को यों ही बातचीत किए बिना या सुलझाये बिना छोड़ देना
आपके रिश्ते के लिए गंभीर समस्या पैदा कर सकता है | हर बार पार्टनर के एक ही रवैये
को लेकर मन में गुस्सा इकठ्ठा करना समस्या को और बाधा देता है | एक दूसरे पर
दोषारोपण करने गलतियों को गिनाने और एक दूसरे की बात को नकारने से बेहतर होगा कि
आप सार्थक बातचीत से आपसी विसंगतियों को दूर करने की कोशिश करें | आपसी समझदारी से
काम लेकर आप अपने रिश्ते को मधुर बनाने का प्रयास करें |
क्यों होती है तकरार ?
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एक दूसरे की बात ध्यान से न सुनना |
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किसी एक का आलसी होना या हमेशा देरी से पहुचना |
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दोस्तों की अत्यधिक तारीफ करना |
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एक दूसरे को उपहार न देना |
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जाने – अनजाने में कोई गलती हो जाने पर उसे
स्वीकार न करने पर
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जन्मदिन या विवाह की वर्षगांठ जैसी महत्वपूर्ण
तारीखें भूल जाना |
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आर्थिक स्तर को लेकर भी वैवाहिक जोड़ो में बहस हो
जाती है |
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एक दूसरे को फोन न करना और फोन पर हाल चाल हमेशा
न लेना |
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किसी से फोन पर बात चीत करते समय एक दूसरे का फोन
आने पर व्यस्त टोन होने पर तरह तरह के सवाल करने पर |
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किसी एक का गलत संगत या गलत आदतों की गिरफ्त में
आ जाने के कारण |
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घरेलु कामों को लेकर भी अकसर पति पत्नी के बीच
विवाद का मुद्दा बन जाता है |
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किसी पुराने अफेयर या मित्रता का बारे में पता
चलने पर |
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एक दूसरे के मन में शक या अविश्वास पैदा हो जाने
के कारण भी विवाद की स्तिथि पैदा हो जाती है |
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एक दूसरे से अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए
बात करने पर |
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किसे दूसरे से एक दूसरे की तुलना करने और उसे
बेहतर बनाने पर |
कैसे करे तकरार का समाधान
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अपनी समस्याओं से एक दूसरे को अवगत कराएँ |
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अपने साथी को समस्याओ को समझने का पूरा मौका दें |
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बात को समझने के लिए स्वंय को अपने पार्टनर की
जगह रखकर देखें |
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पार्टनर की बातो को ध्यान से सुने |
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जाने – अनजाने में कोई गलती हो जाने पर उसे
स्वीकार करना सीख ले और दुबारा गलती न करने का भरोसा दिलाए |
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एक बार में एक ही समस्या के बारे में बताएं |
लड़ाई सुलझाते समय पिछली सारी गलतियों को गिनाना प्रारंभ न करें | इससे समस्या
सुलझने के बजाय उलझ जाती है |
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तकरार का समाधान करते समय अपना आपा न खोएं |
शांति बनायें रखें | उचित शब्दों में अपनी बात कहें | इस दौरान सामने वाले को दुःख
पहुँचाने की मंशा कदापि नहीं होनी चाहिए |
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अगर आपको लगता है कि बातचीत के दौरान तनाव और
गलतफहमी बढ़ रही है तो बात चीत वही ख़त्म करके अपना पक्ष किसी और तरीके से अपने
पार्टनर तक पहुंचाए | जैसे लिखकर, ई मेल द्वारा या अपने किसी खास दोस्त की मदद से
|
v
जब भी एक पक्ष को झगड़े में अधिक क्रोध आ रहा हो
तो स्पर्श का जादू चलायें | अपने साथी के कंधे पर या हाथ आश्वासन तथा स्नेह भरा
स्पर्श दें | तकरार के दौरान गुस्से को शांत करने का यह बेहतरीन तरीका है |
v
जब आपस में झगडा होने लगे तो एक पक्ष को एकदम
शांत हो जाना चाहिए | दूसरा अपने आप चुप हो जायेगा | एक दूसरे की प्रतिक्रिया करने
से विवाद बढ़ता जायेगा |
प्रस्तुति---
---------- जय सिंह ..............
युवा
कवि, ब्यंग्कार, कहानीकार
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