सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

मधुमास को खास बनाने की योजनाएं पानी भरती नजर आ रही हैं



प्रेम दिवस के साथ ही नागफनियां भी उगने लगती हैं। कालिया खिलने लगती है | जवां दिल हिलोरे मारना शुरू कर देता है | युगल लुकाछिपी शुरु कर देते हैं। प्रेम पार्क की तलाश में निकल जाते है | ये प्रेम पुजारी बचते रहते हैं कि कहीं श्रीराम भक्तों ,बजरंग दल,शिव सेना द्वारा घंटा न बज जाए। सहीराम ने अपने कवि मित्र  जय से पूछा कि इस बार क्या प्रोग्राम है। उन्होनें दबी जुबान से कहा कि क्या बताएं, मंहगाई ने जेब ढीली कर दी है और शिव,राम की सेना ने. . .
मधुमास मनाने की संभावनाएं बनने से पहले बिगड़ जाती हैं। प्रेम शुरू करने से पहले समाप्त हो जाती है | आप तो जानते ही हैं कि लव मी, लव माई डाग। दरअसल उनका डॉग बेस्लम डॉग है, बहुत चटोर है। हमेशा बढ़िया चाकलेट , बर्गर, पिज्जा ही खाता है। लव के चक्कर में डॉग की इतनी सेवा हो गई कि मधु चन्द्रिका की मिलन यामिनी को मंहगाई का ग्रहण लग गया। इस बार मधुमास को खास बनाने की सारी योजनाएं पानी भरती नजर आ रही हैं। फिर भी बड़ी मुश्किल से अठन्नी-चवन्नी जोड़कर रखा था कि 14 फरवरी को प्रेम दिवस मना ही लेंगे | लेकिन डर लग रहा है कि पकड़े गए तो स्वघोषित नैतिक ब्रिगेड के सैनिक कहीं तेरही  और श्राद्ध न कर दें। सुना है जितना राम ने सीता को नहीं खोजा था उससे अधिक श्री राम सेना वाले प्रेमी युगलों को खोज रहे हैं। अब सच बताएं सहीराम जी किसी ने सच ही कहा है कि ये इश्क नहीं आसां.... बस समझ लो आग का दरिया है डूब के जाना है।
सहीराम जी पिछले दिनों एक अद्भुत दुर्घटना मेरे साथ हो गई, वसंत के आगमन पर शहर के घोषित रसिकों ने हमेशा की तरह  ‘प्रेम पियासाज् कवि सम्मेलन किया उसमें मुझे भी आमंत्रित किया गया था। सच कहूं तो ‘मंच पर कविता पाठ का आमंत्रण पाकर मन लबालब हो गया। मैंने एक साल से कठिन परिश्रम से लिखी हुई कविता शुरू की, ‘मोहिनी तेरे नैन कटार, झंकृत होते मन के तार अभी स्वर पंचम तक पहुंचा ही था कि मंच के पीछे भगवा और त्रिशूल धारी भाइयों को अचानक देखा और मेरी श्रृंगार रस की कविता वीर रस में बदल गई। सहीराम ने आगे पूछा, क्या आपने कविता आगे सुनाई? मैंने कहा हां लेकिन ऐसे- ‘गोरी तेरे नैन कटार, कर दुश्मन को तार-तार। तोड़, मरोड़ गर्दन उसकी, बैरी छुपा है सीमा पार।
परेशानी तब हो गई जब इस अद्भुत कविता को सुनाकर श्रोताओं ने मुझे श्रृगांर और वीर रस के संयुक्त कविरसिक विद्रोही’ की संज्ञा दे दी। रसिक विद्रोही ने आंख बंद कर संत वेलेंटाइन के प्रेम मंत्र का जप किया और प्रार्थना की कि हे संत जी इन घोंघा बसंतों को सपने में समझाओ, साथ में कवि बिहारी से भी अनुरोध किया और कहा, हे रीतिकाल के केशव इन्हे विरह व्यथा से अवगत कराओ शायद इनका पाषाण हृदय पिघल जाए। इस व्यथा को सुनने के बाद सहीराम ने कहा, इस नैतिक ब्रिगेड से मुझे भी चिंता है क्योंकि इश्क तो ऐसा गुनाह है जो कुवारों के अलावा शादीशुदा भी बड़े मन से करता है।

          जय सिंह 
(पत्रकार,कवि,व्यंगकार,कहानीकार)

व्यंग ..........वैलेंटाइन डे स्पेशल


लव में बड़ा स्ट्रगल है यार

डियर व्यूटी तुमने एक बरस से कम तक मुझसे जो प्यार किया उसके लिए तुमको बहुत-बहुत शुक्रिया। उम्मीद है कि मेरा लेटर मिलने तक तुमने नया प्रेमी पकड़ ली होगी। उस नये प्रेमी के साथ संभवत अब डेटिंग पर भी जा रही होगी। बहुत स्ट्रगल करना पड़ता है हर नये प्रेमी को कोर्इ नर्इ तितली फंसाने में। वैसे अभी मैं भी स्ट्र्गल ही कर रहा हूं। प्यार के ढार्इ आखर कम्बख्त बड़े मुशिकल से पकड़ में आता है। पता नहीं कबीर दास जी ने कैसे कह दिया कि ढार्इ आखर प्रेम का पढे सो पंडित होय। परन्तु ऐसा नहीं है।
पिछले वैलेन्टार्इन डे के दिन किसी तरह से अपनी 20 साल की बचाकर रखी हुर्इ हिम्मत को जुटाकर एक खत के जरिये व्यूटी से प्यार किया। और वह भी मायावती की सरकार की तरह बीच में ही बिना दस साल पुरा किये ही इस वैलेन्टार्इन डे से पहले ही टूट कर बिखर गयी। सरकार और प्यार में कोर्इ फर्क नहीं लगता है। कब किस समय गठबन्धन टूट जाय कोर्इ निशिचत नहीं है। अब व्यूटी को पूर्व डियर ही कहना उचित होगा। व्यूटी लेटर की शुरूआत में बहक गया था रें ! तुम्हे आदतन डियर कह बैठा। जल्दी ही यह आदत छूट जायेगी।
जब से हमारे प्रेम का धागा टूटा है तभी से मैने भी तुम्हे मिस करने के बाद अब मोहल्ले की सागर साहब की गुलाबो पर लंगर डालना शुरू कर दिया। मेरी यह चौथी कोशिश है। लेकिन इन कोशिशों ने मुझे सिख दी है। व्यूटी तुम तो जानती ही हो प्यार शुरू करते ही कम्बख्त लव लेटर लिखने पडते है। पता है कि मैने तुम्हारे लिए कितने लव लेटर लिखने पड़े। एक से बढकर एक लेटर पैड पर महंगे-महंगे खुशबुदार,चमकदार पेन से लेटर लिखा था तेरे प्यार में।
पहले के प्यार के दो मामलों में भी लेटरबाजी करनी पड़ी थी। बड़ा झंझट है प्यार के रास्ते में। पता नही कम्बख्त वैटेन्टार्इन डे कहां से आफत पैदा हो गया। अब देखो ना वैलेन्टाइन डे सर पर रहा है और मेरा मामला अभी किसी से फिट बैठता नजर नहीं रहा है। इसलिए व्यूटी तुम मेरे सभी पुराने लव लेटर जो मै तुम्हे दिया था वह लेटर वापस लौटा देना। तुम्हे लिखे उन लव लेटरों पर सफेदा पोतकर व्यूटी की जगह गुलाबो लिख दूंगा। इससे मेरी मेहनत नये लेटर पैड बच जायेगें। इसलिए प्लीज मेरे पुराने लव लेटर जो मैने तुम्हे लिखकर दिया था वह लौटा देना। उनकी असली नकल मैं भूला गया हूं। बडे़ मेहनत से पहले प्यार वाली लेटरों की नकल किया था।
व्यूटी तुम वह मेरी फोटो भी वापस कर देना। तुम तो जानती हो वही एक मात्र फोटो ही मेरे पास ऐसी थी जिसमें मैं ठीक-ठाक नजर आता हू। अब तो मेरा चेहरा भी वैसा नहीं रहा और ही हटठे-कटठे शरीर रहा जिसकी अच्छा फोटो निकल सके और ही अब मेरे पास उतने पैसे बचे है की अपने चेहरे की डेंटिग-पेंटिग करवाकर फोटो खिंचवां सकू। इसलिए उन लव लेटरों के साथ वह बढियां वाली फोटो भी भेज देना ताकि वैलेन्टाइन डे के दिन वह फोटो और लव लेटर अपनी भावी प्रेमिका गुलाबो को देने की हिम्मत जूटा सकूं।
और हां अपने प्यार कांड में एक साल के मध्यान मेरे द्वारा किये गये इन सारे खर्चों का भी भुगतान कर देना ताकि तुम्हे भी नए प्यार के लिए मेरी ओर से एन00सी0 यानी नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी हो सके और मैं भी नए प्यार में खर्चा करना शुरू कर दूं। मैं उम्मीद करता हूं कि इन सारे खर्चों का भुगतान कर दोगी।
हिसाब इस तरह से है---
कुल्फी 325, कोल्ड ड्रिंक 2350  पानी बतासा 530, स्नैक्स 5110, फिल्म 1500, जूस 523, मोबाइल फोन पर बातचीत 3432, गिफ्ट 7020, पेट्रोल खर्चा 3920, कुल जोड़ 35420 (पैतिस हजार चार सौ बीस) मात्र  यह रूप्ये मुझे जल्दी देने की कृपा करना की मैं अपने गुलाबो के प्यार में वैलेन्टाइन डे पर उसी दिन से ही कुर्बान करना शुरू कर सकूं। तुम तो जानती हो कि जब से मेरे डैड ने तुम्हारा एक पत्र फोटो मेरे जेब से पकड़ लिया था तभी से मुझे एक भी रूप्या नही मिलता है। और हां अगर मेरे द्वारा दिये गये गिफ्ट तुम्हारे पास पडा हो तो मैं उसे आधी किमत पर लेने को तैयार हूं। तुम उसका हिसाब लगाकर मेरे मूल रकम में से काट कर उन पुराने गिफ्टो को भी भेज देना।
इस लेटर के साथ तुम्हारे द्वारा दिये गये सभी लेटर भी भेज रहा हूं। जिसका वजन झंडूदास की दूकान पर तौलवाया तो 5 किलो 420 ग्राम हुआ है। लिफाफा मैने पहले ही निकाल लिया था। वैसे तुम्हे नया लिफाफा खरीदना ही पड़ेगा लिखने के लिए। मैने तुम्हारी तीनों फोटो जो विपाशा जैसी लगती थी भेज रहा हूं कि तुम अपने अगले नये प्रेमी के पास भेज सको।
यदि तुम्हारा कोर्इ खर्चा भूलवश हुर्इ होगी तो मुझे बता देना। वैसे तुम्हारा खर्चा तो कुछ भी नही हुआ होगा। कमबख्त प्यार में सब रूपये तो लड़कों को ही खर्च करने पड़ते है। प्यार का यही दस्तुर है। कभी भी आज तक कोर्इ लड़की जल्दी पैसा खर्च करने के लिए तैयार ही नही होती है। व्यूटी प्लीज! मेरा सारा हिसाब जल्दी से कर देना। वैलेन्टाइन डे अब सर पर गया है। सभी तैयारियां बाकी है ध्यान रहे। मुझे उम्मीद है कि तुम मेरा सारा हिसाब साफ करके नये प्यार में कूदने में मेरी मदद करोगी। तुम्हे झंडामल वाला सांतवां प्रेमी प्रेम दिवस के मौके पर मुबारक हो।
तुम्हारा पुराना प्रेमी