शुक्रवार, 9 मई 2014

यूँ बात-बात पर रूठा न करो .............


प्यार है तो तकरार भी होगी, जरुरत बस इतनी है की दिलबर की बातों को न ले दिल पर ......


अक्सर ऐसा होता है कि एक दूसरे को अच्छी तरह समझने का दावा करने और अत्यधिक प्रेम करने वाले प्रेमी-प्रेमिका या पति-पत्नी में भी छोटी- छोटी बातों पर तकरार हो जाती है | वे एक दूसरे से रूठ जाते है और उनके बीच अबोला चलने लगता है |
झगड़े के मसालों को यों ही बातचीत किए बिना या सुलझाये बिना छोड़ देना आपके रिश्ते के लिए गंभीर समस्या पैदा कर सकता है | हर बार पार्टनर के एक ही रवैये को लेकर मन में गुस्सा इकठ्ठा करना समस्या को और बाधा देता है | एक दूसरे पर दोषारोपण करने गलतियों को गिनाने और एक दूसरे की बात को नकारने से बेहतर होगा कि आप सार्थक बातचीत से आपसी विसंगतियों को दूर करने की कोशिश करें | आपसी समझदारी से काम लेकर आप अपने रिश्ते को मधुर बनाने का प्रयास करें |

क्यों होती है तकरार ?

v  एक दूसरे की बात ध्यान से न सुनना |
v  किसी एक का आलसी होना या हमेशा देरी से पहुचना |
v  दोस्तों की अत्यधिक तारीफ करना |
v  एक दूसरे को उपहार न देना |
v  जाने – अनजाने में कोई गलती हो जाने पर उसे स्वीकार न करने पर 
v  जन्मदिन या विवाह की वर्षगांठ जैसी महत्वपूर्ण तारीखें भूल जाना |
v  आर्थिक स्तर को लेकर भी वैवाहिक जोड़ो में बहस हो जाती है |
v  एक दूसरे को फोन न करना और फोन पर हाल चाल हमेशा न लेना |
v  किसी से फोन पर बात चीत करते समय एक दूसरे का फोन आने पर व्यस्त टोन होने पर तरह तरह के सवाल करने पर |
v  किसी एक का गलत संगत या गलत आदतों की गिरफ्त में आ जाने के कारण |
v  घरेलु कामों को लेकर भी अकसर पति पत्नी के बीच विवाद का मुद्दा बन जाता है |
v  किसी पुराने अफेयर या मित्रता का बारे में पता चलने पर |
v  एक दूसरे के मन में शक या अविश्वास पैदा हो जाने के कारण भी विवाद की स्तिथि पैदा हो जाती है |
v  एक दूसरे से अमर्यादित भाषा का प्रयोग करते हुए बात करने पर |
v  किसे दूसरे से एक दूसरे की तुलना करने और उसे बेहतर बनाने पर |

कैसे करे तकरार का समाधान


v  अपनी समस्याओं से एक दूसरे को अवगत कराएँ |
v  अपने साथी को समस्याओ को समझने का पूरा मौका दें |
v  बात को समझने के लिए स्वंय को अपने पार्टनर की जगह रखकर देखें |
v  पार्टनर की बातो को ध्यान से सुने |
v  जाने – अनजाने में कोई गलती हो जाने पर उसे स्वीकार करना सीख ले और दुबारा गलती न करने का भरोसा दिलाए |
v  एक बार में एक ही समस्या के बारे में बताएं | लड़ाई सुलझाते समय पिछली सारी गलतियों को गिनाना प्रारंभ न करें | इससे समस्या सुलझने के बजाय उलझ जाती है |
v  तकरार का समाधान करते समय अपना आपा न खोएं | शांति बनायें रखें | उचित शब्दों में अपनी बात कहें | इस दौरान सामने वाले को दुःख पहुँचाने की मंशा कदापि नहीं होनी चाहिए |
v  अगर आपको लगता है कि बातचीत के दौरान तनाव और गलतफहमी बढ़ रही है तो बात चीत वही ख़त्म करके अपना पक्ष किसी और तरीके से अपने पार्टनर तक पहुंचाए | जैसे लिखकर, ई मेल द्वारा या अपने किसी खास दोस्त की मदद से |
v  जब भी एक पक्ष को झगड़े में अधिक क्रोध आ रहा हो तो स्पर्श का जादू चलायें | अपने साथी के कंधे पर या हाथ आश्वासन तथा स्नेह भरा स्पर्श दें | तकरार के दौरान गुस्से को शांत करने का यह बेहतरीन तरीका है |
v  जब आपस में झगडा होने लगे तो एक पक्ष को एकदम शांत हो जाना चाहिए | दूसरा अपने आप चुप हो जायेगा | एक दूसरे की प्रतिक्रिया करने से विवाद बढ़ता जायेगा |

प्रस्तुति--- 

----------  जय सिंह ..............


युवा कवि, ब्यंग्कार, कहानीकार